प्यासी भाभी की कसी चूत चोदने को तब मिली जब मैं एक बच्चे को ट्यूशन पढ़ाता था और उसकी सेक्सी मम्मी मेरे साथ फ़्लर्ट करने लगी थी. मुझे पटाने की कोशिश करती थी.
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम सौरभ है, मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का रहने वाला हूं, आजकल जॉब के लिए बाहर रह रहा हूँ.
मेरी फिजिक ज़्यादा तो नहीं लेकिन इतनी अच्छी है कि जितनी भी लड़की या भाभी मेरे संपर्क में रही हैं, सभी ने एक ही बात बोली है कि आकर्षक है।
मेरे लंड का साइज बढ़ा चढ़ाकर नहीं बताऊंगा, बस आज तक कोई शिकायत नहीं आई, पूर्ण संतुष्टि मिली हैं
चलिये अब मैं प्यासी भाभी की कसी चूत की कहानी पर आता हूं.
यह घटना मेरी औऱ मेरी पहली प्रेमिका की है.
नाम नहीं बताऊंगा.
बात 5 साल पहले की है जब मैं जॉब नहीं करता था, सिर्फ ट्यूशन पढ़ाता था.
मेरे एक दोस्त ने मुझे ट्यूशन के लिये बोला कि उसके पड़ोस में एक भाभी है, उनके बेटे को ट्यूशन देनी है.
एक दिन टाइम निकाल कर मैं उनके घर गया.
साथ में मेरा दोस्त भी था.
भाभी एकदम दूध की तरह गोरी बिल्कुल उर्मिला मातोंडकर थी.
लेकिन चूंकि मैं वहाँ ट्यूशन की बात करने गया था तो इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया.
बात करने पर पता चला कि उनके पति गांव में रहते हैं लेकिन उन्हें शहर में अपने बेटे की पढ़ाई के लिए रहना पड़ रहा था.
उनका बेटा बहुत बिगड़ा हुआ था.
था तो तीसरी क्लास में … लेकिन बहुत गाली देता था सभी को!
और उसके स्कूल से भी नोटिस आ गया था उसे निकालने के लिए!
मैंने नोटिस किया कि भाभी मुझे ज़्यादा ही देख रही थी.
खैर मैं अगले दिन का शाम का टाइम दे कर निकल गया.
मैंने बहुत मेहनत की उस बच्चे के साथ!
चूंकि भाभी के पति बहुत कम शहर आते थे तो एक बार भाभी ने पेरेंट्स मीट में मुझसे रिक्वेस्ट की कि मैं उनके साथ जाऊं.
तो मैंने कहा- भैया को ऐसे में तो जाना ही चाहिए!
तब उन्होंने कहा- वे कहते हैं कि काम बहुत है और तुम्हें शहर में इसीलिए तो रखा है.
कुछ सोच के मैंने हामी भर दी.
लेकिन मैंने कहा कि मैं सीधा स्कूल पहुंच जाऊंगा.
मैं टाइम पर स्कूल पहुंच गया.
उन्होंने टीचर से इंट्रोडक्शन करवाया कि मैं उनका देवर हूँ और आजकल मैं ही रिंकू को पढ़ा रहा हूं.
सॉरी मैं उनके बेटे का नाम बताना ही भूल गया.
उसका नाम रिंकू है.
टीचर- आपने बहुत अच्छा किया जो रिंकू को पढ़ाना शुरू कर दिया. अब इसकी पढ़ाई भी ठीक चल रही है.
एक बात बताऊं … उसकी टीचर भी हॉट माल थी.
फिगर तो कमाल 38-32-40 थी.
देखते ही लंड खड़ा हो गया; साली को वहीं चोदने का मन कर रहा था.
लेकिन स्कूल था.
मैंने नोटिस किया कि जब मैं टीचर से बात कर रहा था तो भाभी काफी गुस्से में थी क्योंकि वह मुझसे काफी खुल कर बात कर रही थी.
वैसे मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था.
उसे मैंने कैसे चोदा वह बाद में!
मैंने देखा कि अब भाभी का नजरिया मेरे लिए बदल गया.
वे मुझे चाय की जगह दूध देने लगी.
एक दिन मैं शाम को ट्यूशन पहुंचा तो पता चला कि उनका बेटा स्कूल की पिकनिक में गया है.
मैं वापस जाने को मुड़ा तो भाभी ने रोक लिया बोली- चाय पीकर जाइयेगा.
तो मैं भी बैठ गया.
वे चाय ले आई और बात करने लगी.
फिर अचानक भाभी रुआंसी होती हुई बोली- एक बात पूछूँ?
मैं- हाँ पूछिए!
भाभी- मुझमें क्या कमी है?
मैं एकदम हैरान रह गया कि भाभी ये सब मुझ से क्यों पूछ रही हैं.
भाभी- रिंकू के पापा के पास मेरे लिये बिल्कुल समय नहीं है. मुझे पता है उनका चक्कर चल रहा है इसीलिए उन्होंने मुझे यहां शहर में भेज रखा है. क्या मेरे कुछ अरमान नहीं हैं? मेरा मन नहीं करता की कोई हो जिसके कंधे पर सर रखके मैं अपना हाल कह सकूं!
इतना कह के वे रोने लगी.
फ़िर मैंने भाभी को चुप कराया तो वे मेरे सीने से लग गई.
पता ही नहीं चला कब उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए.
और थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें अपने से अलग करना चाहा तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया.
फिर मुझसे भी नहीं रहा गया, मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगा.
उसके बाद मैंने भाभी के कपड़े भी उतारे, पहले साड़ी उतरी तो वे मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी.
मैंने उन्हें कस के गले लगा लिया और फिर किस करने लगा.
जल्दबाजी में कपड़े उतारने के चक्कर में मुझसे उनके ब्लाउज के हुक टूट गए.
फिर मैंने देर ना करते हुए उनकी ब्रा और कच्छी भी उतार दी और उन्हें गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया.
मैं उन्हें पैर के अंगूठे से किस करते हुए ऊपर की ओर बढ़ने लगा और उनकी चूत को चाटने लगा.
बहुत देर तक चूत चाटने के दौरान वे एक बार झड़ गई थी.
फिर उनकी नाभि पर किस करते हुए उनके दूध के निप्पल को मुख में लेकर चूसने लगा.
चू चूस कर मैंने उनके स्तन बिल्कुल लाल कर दिए.
उन्हें कुछ दर्द भी हुआ शायद!
असल में मैं ज्यादा उत्तेजित हो गया था तो मैंने काट भी लिया था.
मैंने उनकी आँखों में देखा तो आंसू थे.
तब मैंने कान पकड़ के सॉरी बोला.
तो उन्होंने कहा- तुम्हारे लिए सारे दर्द सह लूँगी.
सही बात है … एक औरत सिर्फ यही तो चाहती है कि कोई उसके साथ हो जिससे वह अपने मन की बात कह सके!
हम औरत को सिर्फ वासना का सामान समझते हैं लेकिन औरत के मन को समझना बहुत मुश्किल है.
जो हमारे लिए इतने त्याग करती है, वह सिर्फ हमसे हमारे साथ और प्यार की उम्मीद करती है.
खैर अब कहानी पर वापस आते हैं.
अब मैं उनके ऊपर आ गया और किस करते हुए मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
तो मैंने उनकी चूत से लंड सटाकर एक झटका मारा.
मेरा लंड फिसल गया.
एक बच्चे की माँ होने के बाद भी उनकी चूत इतनी टाइट थी.
प्यासी भाभी की कसी चूत की शायद बहुत दिन से चुदाई नहीं हुई थी.
इसी वजह से भाभी ने कहा- सामने से तेल की बोतल ले लो.
मैंने अपने लंड पर तेल लगा कर एक झटका दिया तो एक बार में ही मेरा लंड चूत की जड़ तक चला गया.
उन्होंने अपनी मुट्ठी से चादर भींच ली.
फिर मैंने कुछ देर रुककर चूत में धक्के लगाने शुरू किए.
15 मिनट चोदने के बाद कुतिया बनाकर मैं उनको पीछे से चोदने लगा.
इस बीच वे एक बार और झड़ गई.
फिर मैंने भी अपना पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया.
मैं थक कर उनके ऊपर गिर गया और उनकी बांहों में लेट गया.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
तो उन्होंने कहा- मैं आज बहुत खुश हूँ.
फिर वे नंगी ही उठकर मेरे लिए गर्म दूध लाई और उसके बाद चुदाई का एक राउन्ड और शुरू हो गया.
फिर मैंने उनकी गांड भी मारी.
जो मुझे बहुत पसंद है.
यह था मेरा पहला प्रेम सुख!
इसके बाद कई बार मैंने उन्हें चोदा.
फिर मेरी जॉब दूसरे शहर में लग गई और मैं चला गया.
मेरा फोन चोरी हो गया था तो उनका नंबर भी चला गया.
लेकिन आज भी वे बहुत याद आती हैं.
उसके बाद मेरी तीन चार और महिलाओं से सम्बंध रहे.
लेकिन मैंने कभी किसी के विश्वास को ठेस नहीं पहुंचाई और ना ही उनके सम्मान को तार तार होने दिया!
आखिर में मैं बस यही कहूंगा कि अगर कोई स्त्री आपको अपना समझकर आप पर विश्वास करती हैं तो आपका भी फर्ज बनता है कि आप उस विश्वास को कायम रखें और उसकी मान मर्यादा पर आंच ना आने दे!
प्यासी भाभी की कसी चूत की कहानी पर अपने विचार मुझे भेजें.